“गोरख से गांधी तक–बुद्ध से कबीर तक यात्रा 2023 का एक आयाम” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी

Venue: Department of History, DDU Gorakhpur University, Gorakhpur.

बुद्ध से कबीर तक ट्रस्ट तथा मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के संयुक्त तत्वावधान में “गोरख से गांधी तक–बुद्ध से कबीर तक यात्रा 2023 का एक आयाम” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 01–11–2023 को इतिहास विभाग में संपन्न हुआ ।
संगोष्ठी का शुभारंभ श्री मनोज सिंह ने कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत कर शुरू किया, उन्होंने कहा कि भारत की धरती बौद्धिक रूप से बहुत ही उर्वर है। उन्होंने कहा कि, हमें गुरु गोरखनाथ के शिक्षाओं और विचारों को अधिक से अधिक जानने की जरूरत है। तत्पश्चात विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रोफेसर हिमांशु चतुर्वेदी जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत समन्वयवादी विचार को समेटे हुए हैं, उन्होंने कहा कि सहनशीलता और सेक्युलरिज्म यहां के लोगों में प्राकृतिक रूप से मौजूद है। कार्यक्रम की अगली कड़ी में मुख्य वक्ता डॉ. विनोद मल्ल, मुख्य संरक्षक बुद्ध से कभी ट्रस्ट एवं सेवानिवृत पुलिस महानिदेशक गुजरात ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया, उन्होंने कहा कि भारत की धर्मनिरपेक्षता पश्चिमी देशों की धर्मनिरपेक्षता से अलग है, यहां विचारों की स्वतंत्रता का महत्व है तथा भारतीय दर्शन परंपरा में सभी प्रकार की विचारधाराओं को समान स्थान प्राप्त है। गोरखनाथ की सहज वृत्ति और जीवन चर्या की परम्परा उत्तरोत्तर भारत के सभी समाजसुधारकों में आती है। उन्होंने गुरु गोरखनाथ एवं महात्मा गांधी के दार्शनिक वैचारिक समता पर विस्तृत चर्चा की तथा समाज में इन महापुरुषों के विचारों के माध्यम से शांति, भाईचार और परस्पर प्रेम बनाए रखने की बात कही। कार्यक्रम के अंत में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर चंद्रभूषण गुप्त ने अपने उद्बोधन में कहा किसी भी व्यक्ति को भारत के नब्ज का ज्ञान उतना नहीं था जितना गांधी को पता था, इसलिए वे हर समय काल में हमारे समाज के लिए प्रासंगिक और अनुकरणीय हैं।
अंत में संस्था के सदस्य आदित्य राजन ने धन्यवाद ज्ञापित किया और बताया कि इस वर्ष की बुद्ध से कबीर तक यात्रा 28 नवंबर से शुरू होकर 02 दिसंबर तक गोरखपुर, कुशीनगर और महराजगंज के विभिन्न संस्थानों में जाएगी, उन्होंने उपस्थित श्रोताओं से इस यात्रा में भागीदारी लेने की अपील की। इस संगोष्ठी में वरिष्ठ आचार्या प्रोफेसर निधि चतुर्वेदी डॉक्टर श्वेता, डॉक्टर सुनीता, शैलेन्द्र कबीर, आदेश सिंह, अजीत सिंह, प्रदीप सुविज्ञ, प्रवीण गुप्ता, डॉ कलीम, डॉ आशीष सिंह एवं विभाग के शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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