Articles Posted
…अपनी केवल धार
Vishwajit Singh मेरा मुझमें कुछ नहीं, जो कुछ है सो तोरतेरा तुझको सौंपता क्या लागै है मोर “कबीर का उक्त दोहा अत्यन्त प्रासंगिक है। हमारे शख़्सियत के मूल (essence) एवं निर्माण (building) में हमारा योगदान नहीं। माता पिता का सम्बन्ध जन्म से, किन्तु नाम ( identity) का सम्बन्ध एकदम समाज