कबीर की साझी संस्कृति: पूरब से पश्चिम तक: बुद्ध से कबीर तक बैंड के गायक, संगीतकार आदित्य राजन घूमते घूमते जा पहुंचे गोरखपुर से कच्छ के रण, और वहां मिलते हैं कबीर को गाते हुए एक स्थानीय लोक कलाकार को। और तब होता है एक ऐसा फ्यूज़न जिसमे हम पाते हैं कि कबीर भी संगीत की तरह हर सीमा, प्रान्त, धर्म मजहब, भाषा बोली कि रूह में बेलौस, बिना रोक टोक, कितनी सहजता से उतरते चले जाते हैं।
2023-04-03